27 अक्तूबर, 2022
आज अमित शाह से हुई बेइज्जती को भी मैंने आशीर्वाद होते देखा !!
क्या पानी पानी नहीं हुए “डिप्टी” साहब ?
क्या बुलाकर बेइज्जत नहीं किए गए ?
अब किसी को एहसास हुआ हो या न हुआ हो, वो अलग बात है… !!
मौका था हरियाणा सरकार की “जन उत्थान रैली” का… मनोहर सरकार का 8 साल का कार्यकाल पूरा हुआ, इसी उपलक्ष में रैली हुई !!
मंच पर सीएम मनोहर लाल खट्टर, मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, इनके अलावा रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, ओपी धनकड़ समेत बीजेपी के कई दिग्गज नेता मौजूद थे, मंच डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला भी थे…
जब डिप्टी सीएम का संबोधन हुआ तो आशीर्वाद दिए जाने पर खूब आभार जताया गया, लेकिन जैसी उम्मीद के साथ आभार जताया होगा, हुआ उसके बिलकुल उलट !!
मंच से अमित शाह का भाषण शुरू हुआ, और जैसे ही मुंह खुला, तो पिछली सरकारों पर जमकर आग बरसाई !!
“पहले सिरसा या रोहतक के होते थे सीएम”
“हरियाणा को पहला मुख्यमंत्री मिला मनोहर लाल”
“एक सरकार में गुंडागर्दी, दूसरी में था भ्रष्टाचार”
इस संबोधन में डिप्टी साहब का जिक्र तो हुआ, महज औपचारिकता के लिए…लेकिन बेइज्जत करने के लिए परिवार से मुख्यमंत्री रह चुके परदादा देवीलाल और दादा ओपी चौटाला को इशारों इशारों में जमकर कोसा गया !
ऐसा नहीं की कांग्रेस को नहीं कोसा गया, पूर्व सीएम हुड्डा पर नाम लेकर निशाना साधा गया.. लेकिन वो आज भी विपक्ष में हैं, इसलिए वार पलटवार राजनीति में चलता ही रहता है… लेकिन जब आपके मंच पर कोई आपकी ही पुरानी सहयोगी पार्टी का निकला हुआ साथी बैठा हो, और आप उसे ही आइना दिखा रहे हों, तो क्या उसमे आपकी हिस्सेदारी नही थी ?
खैर ये सब मुझे नहीं, जेजेपी को सोचना चाहिए, जेजेपी के नेताओं अजय चौटाला और दुष्यंत चौटाला को सोचना चाहिए… पहले आदमपुर में उम्मीदवार के लिए अनदेखी और अब मंच पर आमंत्रित कर इस तरह बेइज्जत करना, और तो और सीएम मनोहर लाल खट्टर भी अपने संबोधन के दौरान सत्ता में सहयोगी दल का नाम ही भूल गए!
ये सब किसी बड़ी घटना के संकेत हैं !!
अब ऐसा नहीं है की ये सब जेजेपी को समझ नही आ रहा होगा ? अगर कोई ऐसा समझता है तो ये मूर्खता ही होगी ! लेकिन फिर भी पतिव्रता की तरह जेजेपी अगर बीजेपी का साथ निभा रही है तो कोई तो मजबूरी है ? अब ये मजबूरी क्या है, ये अपने आप में ऐसा सवाल है, जो किसी पहेली से कम नहीं !!
अंत में एक और घटना घटी, गौर उस घटना पर भी किया जाना चाहिए, जब अमित शाह का संबोधन खत्म हुआ, तो उन्हें स्मृति चिन्ह सीएम मनोहर ने दिया , लेकिन रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को स्मृति चिन्ह देने के लिए जैसे ही डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला का नाम लिया गया, तो कैमरे में सीएम और अमित शाह चलते हुए दिखाई दिए, मंच संचालक को बात को बदलना पड़ा, जब कैमरा में मंच को दूर से दिखाया गया तो मंच से सब जा रहे थे, मालूम नहीं रेलमंत्री को स्मृति चिन्ह देने के लिए दुष्यंत क्यों नहीं रूक पाए !!
स्रोत – Hitendra Swami fb page