प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उज्जैन में महाकाल कॉरिडोर के पहले फेज का उद्घाटन किया. इससे पहले पीएम मोदी ने महाकाल मंदिर में पूजा-अर्चना की. प्रधानमंत्री मोदी ने गर्भगृह में मंत्र जाप किया. इस अवसर पर राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद रहे. इस खास अवसर पर महाकाल मंदिर और पूरे महाकाल लोक को फूलों से सजाया गया है. इसके साथ ही चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा व्यवस्था की गई है.
अवन्तिकायां विहितावतारं, मुक्ति प्रदानाय च सज्जनानाम्।
अकालमृत्योः परिरक्षणार्थं, वन्दे महाकाल महासुरेशम्।।
जय महाकाल।। pic.twitter.com/LUoLKfYe1p
— Narendra Modi (@narendramodi) October 11, 2022
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्जैन में जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि महाकाल काल की रेखाएं भी मिटा देते हैं. उन्होंने कहा कि महाकाल की नगरी प्रलय के प्रहार से भी मुक्त है. पीएम ने कहा कि उज्जैन के कण-कण में आध्यात्म है. उन्होंने कहा कि यहां ईश्वरीय ऊर्जा संचारित हो रही है. उन्होंने कहा कि यहां कालचक्र का 84 कल्पों का प्रतिनिधित्व करते 84 शिवलिंग हैं, यहां 4 महावीर हैं. 6 विनायक हैं. 8 भैरव हैं. नवग्रह हैं. 10 विष्णु हैं. 11 रुद्र हैं. 12 आदित्य हैं. 24 देवियां हैं और 88 तीर्थ हैं. और इन सबके केंद्र में महाकाल विराजमान हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि ये वह जगह है, जहां भगवान श्रीकृष्ण ने शिक्षा ग्रहण की. महाकाल लोक में सबकुछ अद्वितीय है. सब कुछ अलौकिक है. उज्जैन भारत की आस्था का केंद्र रहा है. इस दौरान पीएम मोदी ने अयोध्या का जिक्र भी किया.
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि शिव ही ज्ञान है, ज्ञान ही शिव है. शिव के दर्शन में ही ब्रह्मांड का सर्वोच्च दर्शन है. हमारे ज्योतिर्लिंगों का विकास भारत की आध्यात्मिक ज्योति का विकास है. भारत के ज्ञान और दर्शन का विकास है. भारत का सांस्कृतिक दर्शन एक बार फिर शिखर पर पहुंचकर विश्व का मार्गदर्शन के लिए तैयार हो रहा है. भगवान महाकाल एकमात्र ऐसे ज्योतिर्लिंग हैं, जो कि दक्षिणमुखी हैं.